सर्द کی Dhoop
ख़ुशनसीब है ये धूप जो ज़ुल्फो से छन कर तेरे रुख्सार को छू जाती है।
हसद है मुझे इससे हम तो तेरे अक्स तक भी नही पहुँच पाते है।
सर्द کی Dhoop
ख़ुशनसीब है ये धूप जो ज़ुल्फो से छन कर तेरे रुख्सार को छू जाती है।
हसद है मुझे इससे हम तो तेरे अक्स तक भी नही पहुँच पाते है।
Uff…!!