तू देख, पढ़ और समझ उसे,
जो मैं लिखती हूँ महसूस कर उसे |
मैं चाहती हूँ, मेरी बातें तेरे दिल को छू जाये,
मैं कुछ यूँ लिखती हूँ, की जो तेरे जहँन में उतर जाये |
जानती हूँ सब तब्बजु देंगे नहीं मेरी लिखाई को,
क्योकिं अभी वक़्त लगेगा, क्योकिं अभी और सीखना पड़ेगा |
मुझे इंतजार रहेगा उस वक़्त का,
जब सब तब्बजु देंगे मेरी लिखाई को।
जानती हूँ अभी वक़्त लगेगा,
पर वो दिन जरूर आएगा ||