ये रात बड़ी खामोश है ,
इसमें भी कुछ सुकून है ,
आज मै छत पर बैठा हूं,
सब कुछ कितना हसीन है ।
खोया था उन काले बादलों में ,
कुछ रंग भरे आशमानो मै ,
चमक रही थी चांद भी ,
खूबसूरत थी वो रात भी ।
अब मै भी कुछ थक गया ,
मेरी आंखों को अब सुकून था ।
सोना था मुझे अब ,
दिल में मेरे ना कोई दुख था ।
अये रात तू फिर आना ,
तेरे इंतज़ार में ही तो सुख था ।