मैं शान्त हूँ, मैं धीर हूँ , गंभीर हूँ,
अनुशासन प्रिय हूँ, मित्रवत भी हूँ मैं ,
मैं चिन्तन मे ही लिन हू ,
मैं आत्मविश्वासी हू , मैं कयी घाट का वाशि हूँ,
मैं पटूता मे भी निष्णात हू, मैं शिक्षण का पुरुषार्थ हूँ,
मैं बच्चो का पहला पालक हूँ, मैं ज्ञान का सेवक हू ,
मैं चितवन हू बच्चो का भी , मैं उनका पहला नायक हू ।
मैं शिक्षण विधि का ज्ञाता हू , मैं कभी ना टुटे क़ो नाता हू,
मैं धैर्य का नमूना हू , मैं हरदम चलता जाता हू ।