. . . वह अपने हाथ को, हमारे हाथ से, मिलाया करते थे, जब कोई देखता न था तो जोर से दबाया करते थे, हमें लगा कि यह कोई प्रेम का कमाल है, क्या पता था, उन्होंने बिछाया वह एक प्रेम का मायाजाल है