ख़्वाब है बड़ा
आँखों में है अड़ा,
मंज़िल को तकता
रास्ते में है खड़ा।
ख्वाइशों में है अस्त
ज़िम्मेदारियों में है व्यस्त,
सभी उलझनो को
सुलझाने में है मस्त।
ना है एक पल को सुकून
फ़िर भी है ज़ुनून,
है भरोसा की गुज़र जाएगा
एक दिन ये कुजून।
ख़्वाब है बड़ा
आँखों में है अड़ा,
मंज़िल को तकता
रास्ते में है खड़ा।
ख्वाइशों में है अस्त
ज़िम्मेदारियों में है व्यस्त,
सभी उलझनो को
सुलझाने में है मस्त।
ना है एक पल को सुकून
फ़िर भी है ज़ुनून,
है भरोसा की गुज़र जाएगा
एक दिन ये कुजून।