नाकामियां नहीं जिसका काम करना ज़ैद था
कुछ सुर्ख आंखों तले अब जो वो कै़द था
अमूमन सेहमा लगे ताकता किसी को हर घड़ी
जो आज है मुंतज़िर वो भी कभी जुनैद था
4 Likes
नाकामियां नहीं जिसका काम करना ज़ैद था
कुछ सुर्ख आंखों तले अब जो वो कै़द था
अमूमन सेहमा लगे ताकता किसी को हर घड़ी
जो आज है मुंतज़िर वो भी कभी जुनैद था