दिल बहुत दुखाया है मैंने,
खून के आंसू भी रूलाया है।
धूल झोंक के आँखो में,
जीते जी मृत भी बनाया है।
झूठा विश्वास देकर मैंने,
विश्वास को मिट्टी में भी मिलाया है।
जीवन में अपार कष्ट देकर,
जिंदगी को मौत से बदत्तर भी बनाया है।
क्षमा माँगने का हक नहीं मुझे,
ऐसा कहर जो ढाया है।
एक बात कहनी है लेकिन,
कई गुणा दर्द इस न्नही जान ने भी उठाया है।
गैर उँगली उठा न सके आप पर,
इसलिए हर बार खुद को ही दोषी बनाया है।
गुस्सा आपका सह सकते हैं,
गैर आप पर उँगली उठाए, ये होता बर्दाश्त नहीं।
दिल बहुत दुखाया है मैंने,
क्षमा माँगने की हकदार नहीं।
Kittu_ki_diary