ओ बारिश क्यों आता है
वो तमस क्यों याद दिलाता है
खुद के किए पर खुद ही आंसू बहता है
कुछ गर कह दू तुझे तो
मुझपे ही गरज जाता है
एक गलती पे इतना क्यों पछताता है
तू मुझे ही क्यों रुलाता है
ना कुछ बताता ना कुछ जताता है।
कुछ मध्यम तो कुछ ऊंची धुन सुनता है
यू चुप रहकर बहुत सवाल
मन में बढ़ा जाता है।
ओ बारिश क्यों याद दिलाता है