रैना अंधियारे तुम जो पधारे
स्पर्श को उमड़ी जमुना!
नन्हे सलोने बताऊं तुमको
वर्षा ने भिगोया दोगुना!
मनमोहन क्या जानो तुम क्यूं
नैन तुम्हारे काजरारे?
नटखट चंचल तेरे मुख का तेज
दो माओं ने सवारें!
बाल्यकाल से अनंत तक तुम
महिमा बिखेरोगे मुरारी!
मुरलीधर तनिक सुनो इधर
मै बलाएं लूं तुम्हारी!
-Shubhangi
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Radhe-Radhe…
Welcome to Yoalfaaz…
Keep shining
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Great.
Welcome to YoAlfaaz.
Keep posting, looking forward.
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